बोकारो : बोकारो के साहित्यकार व शिक्षक अमन कुमार झा लिखित मैथिली नाटक ‘बिनु सिनूरे अहिबाती’ का लोकार्पण रविवार की शाम सेक्टर 4 स्थित मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के सभागार में किया गया। लोकार्पण समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। गायक व मिथिला सांस्कृतिक परिषद् के प्रेस सचिव अरुण पाठक ने महाकवि विद्यापति रचित भगवती वंदना ‘जय जय भैरवि असुर भयाउनि…’ की सुमधुर प्रस्तुति की।
आगत अतिथियों का स्वागत मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के सचिव रबिन्द्र झा ने किया। साहित्यलोक के संस्थापक महासचिव व वरिष्ठ शिक्षाविद तुलानंद मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि मिथिला सांस्कृतिक परिषद् के मंच पर मंचन हेतु नाटक की अनुपलब्धता रहती थी। इसी क्रम में अमन जी ने नाटक लिखा और वह बहुत पसंद किया गया। आज सामाजिक मुद्दों पर इनके लिखे नाटकों की संख्या लगभग 15 हो चुकी है। परिषद् के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि रचना पाठक की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
कार्यक्रम का संचालन कर रहीं शिक्षिका व साहित्यकार डॉ निरुपमा कुमारी ने कहा कि स्त्री विमर्श और जेंडर समानता पर लिखा यह नाटक निश्चित ही स्त्रियों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी। स्त्रीवादी होने का अर्थ पुरुष होना नहीं है। बल्कि स्त्री के समस्त गुणों को आत्मसात करना है। परिषद् के पूर्व महासचिव हरिमोहन झा ने कहा कि यह नाटक मैथिली नाटक की परंपरा की महत्वपूर्ण कड़ी है। स्त्री-विमर्श के नाम पर हिंदू परंपरा को नष्ट किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
कवि भुटकुन झा ने नाटक के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। परिषद के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ रंगकर्मी राजेंद्र कुमार ने नाटक मंचन के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ रंगकर्मी बटोही कुमार ने मिथिला सांस्कृतिक परिषद् में नाटक की शुरुआत और निदेशक की भूमिका में अपना अनुभव साझा किया। रंगकर्मी व शिक्षक श्रवण कुमार झा ने सुझाव दिया कि मिथिला सांस्कृतिक परिषद् रचनाकारों की नाट्य पुस्तकों को प्रकाशित करने की जिम्मेदारी उठाए। पुस्तक के लेखक अमन कुमार झा ने नवारम्भ प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस नाटक पुस्तक लेखन से जुड़े अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में कुशल मंच संचालन डॉ निरुपमा झा ने किया।
इस अवसर पर बलराम चौधरी, अमरेन्द्र कुमार झा, दिनेश्वर झा, एम एन झा, किरण मिश्रा, अंजू झा, अमिता झा, विजय शंकर मल्लिक’सुधापति’, उदय कुमार झा, चंद्र कांत मिश्र, शंभु झा, अविनाश अवि, गंगेश पाठक, विवेकानंद झा, डॉ रंजना श्रीवास्तव, राजीव कंठ, आराधना मल्लिक, अंजलि चौधरी, अमरजीत चौधरी, विश्वनाथ झा, मनोज कुमार झा, प्रकाश झा आदि उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि अमन कुमार झा की ख्याति कहानी व नाट्य लेखन के लिए है। वे बोकारो की चर्चित साहित्यिक संस्था ‘साहित्यलोक’ के संयोजक हैं। इनके लिखे कुछ नाटकों का मंचन प्रतिष्ठित संस्था मिथिला सांस्कृतिक परिषद्, बोकारो द्वारा किया जा चुका है। बोकारो से बाहर भी इनके लिखे नाटकों का मंचन हुआ है। अमन कुमार झा की कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें ‘साॅरी अंकल’, ‘कमरथुआ’, ‘अहां बिनु हम जीयब कोना’ (सभी मैथिली नाटक) व ‘ड्राईंग रूम में लाफिंग बुद्धा’ (साझा कविता संग्रह) आदि शामिल हैं।