पूर्व पीएम, भाजपा के वरिष्ठ नेता और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी पंचतत्व में विलीन हो गए। उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान वाजपेयी को अंतिम विदाई देने आई हर आंख नम हो गई। हर तरफ एक ही नारा सुनाई दे रहा था वाजपेयी अमर रहे।
स्मृति स्थल पर श्रद्धांजलि देने के बाद वाजपेयी की पार्थिव देह को चिता पर लेटाया गया. इसके बाद उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य व उनकी बेटी निहारिका ने परिवार वालों के साथ रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की. इसके बाद नमिता भट्टाचार्य ने वाजपेयी को मुखाग्नि दी। मुखाग्नि के समय वाजपेयी को बंदूकों से हवाई फायर कर सलामी भी दी गई। सूत्रों ने बताया कि वाजपेयी की अस्थियां हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित की जाएंगी।
अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में गणमान्य व्यक्ति उनके आवास पर पहुंचे थे। इसके बाद वाजपेयी जी के पार्थिव शरीर को उनके आवास से बीजेपी के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर बने पार्टी के नए मुख्यालय पर लाया गया। यहां उनके पार्थिव शरीर को आम लोगों के दर्शन के लिए रखा गया था। यहां से अंतिम संस्कार के लिए उनकी पार्थिव देह को स्मृति स्थल पर ले जाया गया ।