# मैथिल बहनों के घर रही भरदुतिया की धूम
बोकारो। रक्षाबंधन की तरह ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व है भाई दूज। गुरुवार को बोकारो में भाई-बहनों ने इस पर्व को उत्साहपूर्वक मनाया। एक तरफ जहां भाई दूज की धूम रही और बहनों ने परम्परानुसार भाइयों की लंबी आयु की कामना के साथ विधिपूर्वक पूजा संपन्न की, वहीं दूसरी तरफ मिथिलांचलवासी भाई-बहनों के घर इस पर्व को भरदुतिया के रूप में मनाया गया। मिथिलांचल में भाई दूज को भातृद्वितीया व आम बोलचाल की भाषा में भरदुतिया कहा जाता है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यह पर्व मनाया जाता है।
इस अवसर पर बहनों ने विधि-विधान के साथ अपने भाई की पूजा की। विशेष प्रकार की अल्पना बनाकर उस पर आसन के रूप में पीढ़ा रखकर भाई को बिठाया। फिर भाई के दोनों हाथ (आंजुर) में सिन्दूर, पिठार (चावल का घोल) लगाया और कुम्हरा का फूल, पान का पत्ता, सुपारी, पैसा, अंकुरी जल आदि से पूजा संपन्न की। इसे नोत लेना कहते हैं। इस क्रम में बहन मंत्र भी पढ़ती हैं- ‘गंगा नोतैय जमुना कें, हम नोतै छी भाई कें’, जतेटा यमुनाक धार, ततेटा हमर भैयाक आयु’। भाई बहन को उपहार भी देते हैं। बहनें भाई को मिठान्न, स्वादिष्ट पकवान खिलाती हैं। इस पर्व को लेकर मिथिलांचल के भाई-बहनों में खासा उत्साह रहता है।