फिल्म संगीत के प्रख्यात गायक व अभिनेता किशोर कुमार की जयंती पर बीती शाम बोकारो के कलाकारों व संगीतप्रेमियों ने सेक्टर 12 बी में ‘ये शाम मस्तानी…’ कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें सुरमयी श्रद्धांजलि दी। गायक अरुण पाठक ने कहा कि किशोर कुमार बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। पार्श्वगायन के साथ ही अभिनय, फिल्म निर्माण व निर्देशन में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी। उमंग व मस्ती भरे गीतों के लिए चर्चित किशोर दा ने संजीदगी से परिपूर्ण गीतों को भी बहुत ही खूबसूरती से गाकर अपनी कुशल गायन क्षमता को प्रदर्शित किया। रमण कुमार ने कहा कि किशोर दा के गाए गीत आज भी संगीत प्रेमियों को काफी भाते हैं। उनकी आवाज की कशिश के दीवाने आज भी उनको शिद्दत के साथ याद करते हैं।
इस कार्यक्रम में अरुण पाठक व रमण कुमार ने किशोर के गाए चर्चित गीतों की प्रस्तुति से श्रोताओं को आनंदित किया। अरुण ने ‘वो शाम कुछ अजीब थी ये शाम भी अजीब है…’, ‘जीवन से भरी तेरी आंखें मजबूर करें जीने के लिए…’, ‘प्यार दीवाना होता है मस्ताना होता है…’, ‘चिंगाड़ी कोई भड़के…’, ‘तेरी दुनिया से होके मजबूर चला…’, ‘कोरा कागज था ये मन मेरा…’, ‘छोटी सी ये दुनिया पहचाने रास्ते हैं…’, ‘रिमझिम गिरे सावन…’ आदि गीतों की सुमधुर प्रस्तुति की। कार्यक्रम संयोजक रमण कुमार ने ‘कभी बेकसी ने मारा…’, ‘कभी होती नहीं जिसकी हार…’, ‘जाने क्या सोचकर…’, ‘ये शाम मस्तानी मदहोश किए जाए…’ आदि गीत प्रस्तुत कर किशोर दा को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर महेन्द्र शर्मा, ललन पांडे, प्रभा देवी, दीपक कुमार राय, अपर्णा राय, मनन कुमार, लता सिन्हा, महेश कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।