बोकारो। चिन्मय मिशन चास द्वारा आयोजित ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ परम् पूज्य स्वामी अद्वैतानंद सरस्वती, स्वामिनी संयुक्तानंदा , स्वामी राघवानंद , ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस शुभ अवसर पर चिन्मय मिशन चास की अध्यक्षा सुमन सुहासरिया, सचिव बिपिन बिहारी मिश्रा, सुनील कुमार तिवारी, उपस्थित थे।
भोजपुर कॉलोनी के शिव मंडप के सभागार में स्वामी अद्वैतानंद जी ने राम दूत हनुमान की प्रशंसा करते हुए कहा कि हनुमानजी हम सभी के जीवन में है। सभी की मनोकामना पूरी करते है । बल के साथ साथ बुद्धि का होना जरूरी है। बल का उपयोग बुद्धि के बिना संभव नही है। हनुमानजी बल एवम बुद्धि का प्रयोग करते हुए प्रभु राम की सेवा की एवम लंका पर विजय पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हनुमान जी बुद्धि विवेक बल एवम यश प्रदान करने वाले हैं। ये अष्ट सिद्धि अव निधि के दाता है। रामायण में भी हनुमान जी की बुद्धिमता एवम वक़्त कटुता का वर्णन मिलता है।
स्वामी जी ने हनुमानजी की व्याख्या करते हुए कहा कि बोलना कैसे चाहिए ये हनुमानजी से सीखिए। अविद्या, अनादर अहम का अभिमान इन सभी दोषों का निवारण हनुमानजी के स्मरण से हो जाता है। भक्ति और ज्ञान दोनो की प्राप्ति हनुमत अस्मरण से हो जाता है।
इस अवसर पर बी बी त्रिपाठी, पी एन मिश्रा, राजेश पांडेय, संदीप तिवारी, राजेंद्र प्रसाद सिंह पंकज मिश्रा, देवेश त्रिपाठी एवम सेकड़ो भक्त उपस्थित थे।