डीपीएस चास में कौशल पाठ योजना विषय पर कार्यशाला

# शिक्षकों ने सीखी पढ़ाई में विद्यार्थियों की जिज्ञासा जगाने की कला

चास । दिल्ली पब्लिक स्कूल चास में 21वीं सदी के कौशल पाठ योजना तैयार करने के विषय पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें रिसोर्स पर्सन क्रिसेंट पब्लिक स्कूल गोविंदपुर, धनबाद के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार ने शिक्षकों को कई टॉपिक पर ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि हम विद्यार्थियों का भविष्य तैयार करने के लिए अपनी कक्षाओं में क्या सकारात्मक बदलाव कर सकते हैं। इस पर हमें विचार करने की जरूरत है।

सबसे पहले हमें यह पता लगाना चाहिए कि विद्यार्थियों को क्या पसंद है और क्या चीज उन्हें प्रभावित करती है। पढ़ाई के दौरान यही उनकी जिज्ञासा को जगाएगी। विद्यार्थियों की जिज्ञासा पढ़ाई में कैसे जगे इसे हमें सीखने की जरूरत है। पढ़ाई के दौरान प्रासंगिक और मनोरंजक विषयों का चयन करें। कक्षा में विद्यार्थी अगर किताब में रुचि नहीं ले रहे हैं, तो उन्हें प्रेक्टिकल (प्रायोगिक सामानों के साथ) पढ़ाने का प्रयास करें। इसके बाद विद्यार्थियों में उस टॉपिक को समझने के प्रति जिज्ञासा बढ़ जाती है। विद्यार्थी तब आपकी बातों को ध्यानपूर्वक सुनेंगे और समझेंगे भी। पढ़ाई के दौरान प्रामाणिक सामग्री का उपयोग करें।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य देश के बच्चों में ज्ञान, कौशल और सकारात्मक दृष्टिकोण को विकसित करना है।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन और गणेश वंदना से की गई। मौके पर डीपीएस चास की कार्यवाहक प्राचार्या दीपाली भुस्कुटे ने कहा कि बच्चों को पढ़ाने से पहले हमें पढ़ाई के तरीके के बारे में सीखने की जरूरत है। शिक्षकों के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है, क्योंकि शिक्षक देश का भविष्य तैयार करते हैं।

अपने संदेश में स्कूल की चीफ मेंटर डॉ. हेमलता एस मोहन ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया तेजी से बदल रही है, वैसे-वैसे नए छात्रों के लिए आवश्यक कौशल भी बदल रहे हैं। भविष्य में विभिन्न जगहों पर काम करने के लिए 21वीं सदी के कौशल की आवश्यकता होगी। इसकी बुनियाद अब स्कूल स्तर से ही तैयार की जा रही है। इसलिए नई शिक्षा नीति में पढ़ाई के साथ-साथ कौशल को भी शामिल किया गया है। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भी यही है कि

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