बोकारो में संगीत नाटक अकादमी द्वारा तीन दिवसीय अमृत युवा कलोत्सव 28 से 30 जून तक

बोकारो : बोकारो में तीन दिवसीय अमृत युवा कलोत्सव 2023-24 का भव्य आयोजन 28 से 30 जून 2023 तक आयोजित होगा। बोकारो में इस उत्सव का आयोजन संगीत नाटक अकादेमी और अकादेमी के छऊ केंद्र, चंदनकियारी द्वारा स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), बोकारो स्टील प्लांट, झारखंड के सहयोग से किया जा रहा है।

आयोजन के मीडिया समन्वयक अरुण पाठक ने बताया कि युवा कलोत्सव का उद्घाटन बुधवार, 28 जून 2023 को कला केंद्र, सेक्टर-2, बोकारो में डॉ. संध्या पुरेचा, अध्यक्ष, संगीत नाटक अकादेमी द्वारा प्रो. सुकदेव भोई, कुलपति, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद और राजन प्रसाद, अधिशासी निदेशक (पी एंड ए), सेल, बोकारो स्टील प्लांट की गरिमामयी उपस्थिति में किया जाएगा। उद्घाटन अवसर पर वरिष्ठ कलाकारों, विशेषज्ञों और विद्वानों के साथ ही अभिराम भडकमर, आशीष कुमार मिश्र, उमाकान्त गुन्देचा, संजय कुमार चौधरी, नंदलाल नायक भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। 28 से 30 जून, 2023 तक, प्रतिदिन शाम 6 बजे से कलाकार अपनी-अपनी प्रस्तुतियां देंगे। कार्यक्रम का आयोजन कला केंद्र में होगा, जिसमें देश की उभरती युवा प्रतिभाओं की प्रस्तुतियों में भारत की प्रदर्शन कलाओं की समृद्ध विविधता देखी जा सकेगी।

इस तीन दिवसीय आयोजन के दौरान प्रतिदिन बोकारो संगीत कला अकादमी में नाट्य कार्यशाला ‘कला सृजन’ का आयोजन 10 से 4 बजे तक होगा। कला समीक्षा पर एक कार्यशाला 28 जून 2023 को सुबह 11 बजे से बोकारो महिला कॉलेज में आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला में वरिष्ठ विशेषज्ञों, कला समीक्षकों और विद्वानों की भागीदारी होगी। 30 जून 2023 को शाम 6 बजे अमृत युवा कलोत्सव का विधिवत् समापन होगा। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में करिया मुंडा, पूर्व उपाध्यक्ष, लोकसभा भी शामिल होंगे। समापन समारोह कला केंद्र, सेक्टर-2, बोकारो में आयोजित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि आजादी का अमृत महोत्सव के बैनर तले भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए, संगीत नाटक अकादेमी ने देश की असंख्य प्रदर्शन कला शैलियों, परम्पराओं और अभिव्यक्तियों की निरंतरता को प्रदर्शित करने वाली एक उत्सव श्रृंखला की परिकल्पना की है, जिसे ‘अमृत युवा कलोत्सव’ नाम दिया गया है। इसके अन्तर्गत, संगीत, नृत्य, नाटक, लोक और जनजातीय प्रदर्शन कला, और पुतुल कला के 3 दिवसीय उत्सव में विभिन्न कला-शैलियों से जुड़े युवा कलाकार अपनी-अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। कला समीक्षा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसमें विभिन्न प्रदर्शन कलाओं के प्रतिष्ठित कलाकार, विद्वान और विशेषज्ञ अपना अर्जित ज्ञान और अनुभव श्रोताओं से साझा करेंगे।

संगीत नाटक अकादेमी भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की स्वायत्त संस्था है, जो कि संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय अकादेमी है। अपनी स्थापना के बाद से ही, प्रदर्शन कला के क्षेत्र में शीर्षस्थ संस्था के रूप में, अकादेमी प्रदर्शन कला के विभिन्न रूपों और शैलियों में व्यक्त भारत की विविध संस्कृति की विशाल अमूर्त विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने का काम कर रही है। युवा देश की ऊर्जा हैं, देश का भविष्य हैं। आजादी का अमृत महोत्सव की भावना को ध्यान में रखते हुए और संगीत नाटक अकादेमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा की परिकल्पना के अनुरूप, ‘अमृत युवा कलोत्सव’ वस्तुतः देश के विभिन्न क्षेत्रों की सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ मिलकर युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के लिए अकादेमी द्वारा किया जा रहा एक ठोस प्रयास है। इसका उद्देश्य देश की नवोदित प्रतिभाओं को सामने लाना है। अकादेमी अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारत के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों और कला अकादमियों और देश की प्रमुख सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ समन्वय और सहयोग करती है।

पहले चरण में ‘अमृत युवा कलोत्सव’ का आयोजन चेन्नई, इम्फाल, भोपाल, जम्मू, लखनऊ, मुम्बई, उडुपी, दिल्ली, वाराणसी और कलाडी में किया गया था, जिसमें वहाँ के कला रसिकों ने बहुत रुचि ली थी और कार्यक्रम की सराहना की थी। अमृत युवा कलोत्सव के दूसरे चरण का प्रारंभ मेघालय के शिलांग में आयोजित उत्सव से हुआ और उसके बाद यह उत्सव गंगटोक, अगरतला, रायपुर और पुदुचेरी में आयोजित किया गया था।

भारत के माननीय प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप संगीत नाटक अकादेमी द्वारा ‘अमृत युवा कलोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य प्रदर्शन कलाओं में युवाओं की फिर से रुचि जगाना है। देश अब अपने अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, जो 25 साल का एक प्रगतिशील चरण है, जिसमें देश का भविष्य अपने गौरवशाली अतीत की नींव पर निर्मित होगा। इसे पारखी, युवा पीढ़ी, इच्छुक दर्शकों, कलाकारों, विद्वानों, कला अभ्यासियों, सांस्कृतिक मंडलियों और संस्थानों के साथ मिलकर प्रदर्शन कलाओं के प्रसार को व्यापक बनाने और इनका एकीकरण करने का एक अवसर कहा जा सकता है।

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