रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया  मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल का 33 वां वार्षिकोत्सव 

बोकारो : मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल का 33 वां वार्षिकोत्सव ‘गूंज’ शुक्रवार को सोल्लास मनाया गया। समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि बीएसएल के मुख्य महाप्रबंधक (सर्विसेज) एवं मिथिला सांस्कृतिक परिषद, बोकारो के अध्यक्ष अनिल कुमार, विशिष्ट अतिथि बीएसएल के सीजीएम (ट्रैफिक) व परिषद के उपाध्यक्ष अनिमेष कुमार झा, परिषद के उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार, महासचिव अविनाश कुमार झा, विद्यालय के अध्यक्ष हरि मोहन झा, उपाध्यक्ष जय प्रकाश चौधरी, सचिव पी के झा चंदन, संयुक्त सचिव नीरज चौधरी, शिक्षा सचिव डा यू सी झा, प्राचार्य अशोक कुमार पाठक ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
प्राचार्य ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विगत वर्ष में विद्यालय द्वारा अर्जित उपलब्धियों की जानकारी दी | मुख्य अतिथि श्री अनिल कुमार ने अनुशासन पर जोर दिया। आज के बच्चे देश के कल के कर्णद्धार हैं। उन्हें अच्छा नागरिक बनाने के लिए अध्यापकों के साथ ही अभिभावकों की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने स्कूल की उपलब्धियों की सराहना की। विशिष्ट अतिथि  श्री अनिमेष कुमार झा  ने कहा कि बच्चों को रूचिकर शिक्षा देने के साथ ही उनका सामान्य ज्ञान बढ़ाने की कोशिश होनी चाहिए।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का आरंभ गणेश वंदना से किया गया। नाटक गूंज एक प्रतिध्वनि के द्वारा समाज में हो रहे महिलाओं के उत्पीड़न को दर्शाया गया। आए हुए आगंतुकों का स्वागत मनभावन स्वागत गान द्वारा किया गया। कृष्ण लीला, शिव महिमा के माध्यम से बच्चों ने अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। हमारे नन्हे-मुन्ने बाल कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से अपने सपनों को साकार रूप देने के लिए  प्रयत्न रत रहने की प्रेरणा दी। विद्यालय के सभी मेधावी और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उनके बेहतर प्रदर्शन एवं शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए मोमेंटो देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। विद्यालय के चारों सदन भारती, वाचस्पति, विरसा, विद्यापति सदन मे भारती सदन को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए “सर्वश्रेष्ठ सदन” के सम्मान से सम्मानित किया गया। वार्षिक उत्सव ऐसा समारोह है, जिसमें विद्यार्थियों की उपलब्धियों को सराहा जाता है।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए स्कूल के सचिव प्रमोद कुमार झा ने कहा शिक्षक एक बालक के लिए उस दीपक के समान होता है, जो उसे अंधकार में रास्ता दिखाता है। एक शिक्षक के बिना कोई भी इंसान कभी सफल नही हो सकता है। इस अवसर पर उमेश मिश्र, श्रीमोहन झा, बटोही कुमार, शंभु झा, अरुण पाठक, मिहिर झा राजू, विश्वनाथ झा, विजय कुमार झा, सुनील मोहन ठाकुर, गंगेश पाठक सहित काफी संख्या में बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे।

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