श्रद्धा व उल्लास के साथ मिथिलांचल का प्रसिद्ध पर्व मधुश्रावणी संपन्न

बोकारो : सावन के महीने में मिथिला में नव विवाहित जोड़ियों के लिए मनाया जानेवाला विशेष पर्व मधुश्रावणी का समापन शनिवार को हुआ। मिथिला में नव विवाहितों के लिए वर्ष भर कई पर्व-त्योहार का विधान है, उनमें मधुश्रावणी महत्वपूर्ण पर्वों में शुमार है।

इस वर्ष शुक्रवार, 7 जुलाई को मौनापंचमी पर पूजन कार्यक्रम से शुरु हुई मधुश्रावणी पूजन का समापन शनिवार (19 अगस्त) को हुआ। सावन कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि से मधुश्रावणी पर्व की शुरुआत होती है। इस पर्व का प्रारंभ पंचमी दिन विधि पूर्वक शिव-पार्वती व नाग देवता की पूजा से होती है। नव विवाहिता मैथिल ललना अपने सुहाग की रक्षा के लिए यह पूजा करती हैं। बिहार प्रशासनिक सेवा से अवकाश प्राप्त अधिकारी राधा रमण झा व मंजु रमण की पुत्री डॉ ऋचा रमण झा एवं अवकाश प्राप्त शिक्षक मोसाफिर झा व भद्रकाली झा के पुत्र मुकुल झा ने विधिपूर्वक मधुश्रावणी पूजा की।

इस पर्व के लिए नवविवाहिता के ससुराल से पूजन सामग्री आती है। इस दौरान नवविवाहिता अपने ससुराल से आए अन्न, मिष्टान्न आदि भोजन के रुप में ग्रहण करती हैं। मधुश्रावणी पूजन पर मैथिलानियों द्वारा भक्तिगीतों के गायन से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा। समापन के दिन नव-विवाहिताएं ससुराल से आयी नयी साड़ी, गहने, श्रृंगार आदि के सामान से सुसज्जित होकर पूजा पर बैठीं। उनके साथ उनका दूल्हा भी पूजा पर बैठे। टेमी दागने का विधान भी हुआ।

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