#साहित्यलोक की मासिक रचनागोष्ठी आयोजित।
बोकारो। मैथिली भाषा की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था ‘साहित्यलोक’ की मासिक रचनागोष्ठी सोमवार की शाम सेक्टर 4 स्थित मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के पुस्तकालय भवन में आयोजित हुई। वरिष्ठ साहित्यकार, कोशी संदेश के प्रधान संपादक व साहित्यलोक के पूर्व महासचिव गिरिजा नन्द झा ‘अर्धनारीश्वर’ की अध्यक्षता व वर्तमान संयोजक अमन कुमार झा के संचालन में आयोजित इस गोष्ठी में विजय शंकर मल्लिक ‘सुधापति’, सतीश चंद्र झा, राजेन्द्र कुमार, अरुण पाठक, नीलम झा, गंगेश पाठक, अमन झा ने विभिन्न रस-प्रेम, श्रृंगार, सद्भावना, मानवीय संवेदनाओं पर केंद्रित रचनाओं का पाठ कर सबको आनंदित किया।
रचनागोष्ठी की शुरुआत कवयित्री नीलम झा ने नारी सशक्तिकरण पर केंद्रित मैथिली कविता ‘अबला नहि छी आब हम, नहि अछि दबल हमर पहिचान/स्वाभिमानी बनि जीबि रहल छी, हम छी बेटी मिथिला हमर पहिचान…’ सुनाकर की। तत्पश्चात उन्होंने एक और कविता ‘कखनो त मुस्कुरा दियौ ने..’ प्रस्तुत की। गंगेश पाठक ने ‘ई जुनि बुझी मुन्ना झूठ बजै छी’, सतीश चंद्र झा ने ‘स्वप्न बेचैत छी’ व ‘हम की लिखू’, डॉ रणजीत कुमार झा ने शराबी पति पर पत्नी की भावनाओं को दर्शाती रचना ‘कून करम हम कैल विधाता, वर रे शराबी भेल’, राजेन्द्र कुमार ने संतान के प्रति बूढ़ी मां की ममता को बयां करती मार्मिक रचना ‘बौआ-अहां के देखब’, अमन कुमार झा ने मैथिली कहानी ‘कटु सत्य’, अरुण पाठक ने सद्भावना गीत ‘जाति धर्म के नाम पर नहि बांटू इंसान के’, विजय शंकर मल्लिक ने ‘आस्थावान बनि हेरब त भेटत मोनक से अभिलाषा’ सुनाकर सबकी प्रशंसा पाई।
पठित रचनाओं पर समीक्षा टिप्पणी साहित्यलोक के संस्थापक महासचिव तुला नन्द मिश्र, सुधापति व अर्धनारीश्वर ने दी। सभी ने श्री अर्धनारीश्वर को त्रिवेणी कांत ठाकुर साहित्य सम्मान मिलने पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी। अध्यक्षीय वक्तव्य में गिरिजा नंद झा ‘अर्धनारीश्वर’ ने कहा कि उनकी कर्मभूमि बोकारो रही है और बोकारो में उनकी आत्मा बसती है। बोकारो के मिथिला सांस्कृतिक परिषद् व साहित्यलोक की ख्याति देशभर में है। साहित्यिक क्षेत्र में बोकारो में वर्ष 1992 में स्थापित ‘साहित्यलोक’ की विशिष्ट पहचान है। साहित्यलोक ने कई सशक्त साहित्यकार दिए हैं। इस अवसर पर मिथिला सांस्कृतिक परिषद् के महासचिव अविनाश कुमार झा, मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के सचिव रबीन्द्र झा, सीए अनिल कुमार झा, अज्ञेय कुमार, अवन्तिका, अरविन्द आदि उपस्थित थे।