संस्कार भारती, बोकारो इकाई के तत्वावधान में सेक्टर 4 स्थित जगन्नाथ मंदिर परिसर में रविवार की सुबह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, हिन्दी नव वर्ष विक्रम संवत 2075 के आगमन के अवसर पर सूर्य की पहली किरण को अर्घ-अर्पण व भजनांजली कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संस्था के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने सभी को हिन्दी नव वर्ष व चैत्र नवरात्र की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि संस्कार भारती भारतीय कला व संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही समाज में सकारात्मक वातावरण के निर्माण हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। संस्कार भारती बोकारो इकाई के मंत्री अमरजी सिन्हा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए संस्था भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति लोगों को जागरुक कर रही है।
भजन कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कार भारती के ध्येय गीत ‘साधयति संस्कार भारती भारते नवजीवनम…’ के समवेत गायन से हुआ। तत्पश्चात् गायक विभु शंकर मिश्र ने राग सोहनी में बड़ा खयाल व छोटा खयाल प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर पं. बच्चन महाराज ने संगति की। श्रीपर्णा घोष की शिष्याओं यामिनी दीप, गरिमा ठाकुर, सलोनी कुमारी सिंह, रश्मि रेखा साहु व बन ज्योत्स्ना साहु ने मंगलाचरण पर मनोहारी ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति की। गायक अमरजी सिन्हा ने गणेश वंदना ‘गाइए गणपति जगवंदन…’ की सुमधुर प्रस्तुति की।
गायक अरुण पाठक ने महाकवि विद्यापति की रचना ‘माधव कते तोर करब बड़ाई…’ सुनाने के बाद मैथिली में नचारी ‘पूजा के हेतु शंकर आयल छी हम पुजारी…’ सुनाकर श्रोताओं को आनंदित किया। तबले पर सुधीर कुमार व नीतेश कुमार ने संगति की। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम गीत के समवेत गायन से हुआ। इस अवसर पर संस्कार भारती के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ शास्त्रीय गायक पं. राणा झा, प्रवीण चौधरी, स्वराज राय, रामाशीष सिंह, संजीव मजुमदार, प्रसेनजीत शर्मा, अनुपा निधि, अरुप रक्षित, डॉ मीरा सिन्हा, कल्याणी गुप्ता, रीना सिन्हा, पी कर्ण, शारदा झा, खुशी, गुनगुन, कमलेश्वरी, पदमा, जयकुमार, मनोज कुमार आदि उपस्थित थे।