नई दिल्ली: आने वाले दिनों में विमान से यात्रा के लिए पहचान पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। आपका चेहरा ही पहचान पत्र होगा। शुक्रवार से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बायोमेट्रिक फेशियल रिकॉग्निशन का ट्रायल शुरू किया जा रहा है। तीन महीने तक ट्रायल के बाद इस सिस्टम को एयरपोर्ट के सभी टर्मिनल पर लागू करने की योजना है। फिलहाल, टर्मिनल-थ्री से विस्तारा एयरलाइंस के यात्रियों के लिए यह सिस्टम शुरू किया जाएगा। पुर्तगाल लिस्बन की प्रौद्योगिकी कंपनी विजन बॉक्स के सहयोग 6 सितंबर से फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का ट्रायल शुरू किया जाएगा।
इसका फायदा यह होगा कि यात्रियों का चेहरा स्कैन कर प्रवेश की अनुमति दे दी जाएगी। यह सिस्टम थ्री लेयर में लगाया गया है। जैसे ही आप विस्तारा का एयर टिकट लेकर प्रवेश गेट पर पहुंचेंगे तो आपको अपना पहचान पत्र दिखाना होगा (आने वाले दिनों में आईडी दिखाने की भी जरूरत नहीं)। यहां एक आईडी जेनरेट हो जाएगा। इस आईडी के साथ आप सिक्योरिटी चेकिंग के लिए पहुंचेंगे तो पहचान पत्र दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी।
इसके बाद बोर्डिंग गेट पर भी पहचान पत्र नहीं मांगा जाएगा। केंद्र सरकार की डिजी यात्रा का ही यह एक हिस्सा है। एयरपोर्ट संचालित करने वाली कंपनी डायल का कहना है कि इस प्रणाली से यात्रियों के चेहरे की पहचान होगी और यात्रा के दौरान बेहतर अनुभव मिलेगा। लंबी-लंबी लाइन में भी लगने की जरूरत नहीं होगी। स्वचालित रूप से चेहरे की पहचान कर प्रवेश दिया जाएगा। बायोमेट्रिक कैमरा यात्री के पंजीकृत चेहरे को पहचानने के बाद गेट अपने आप खुल जाएगा।