बोकारो। सिने संगीत के प्रख्यात पार्श्वगायक मो रफी की 41वीं पुण्यतिथि पर शनिवार की शाम बोकारो में कलाकारों ने उन्हें सुरमयी श्रद्धांजलि दी। सेक्टर 12 में गायक अरुण पाठक, रमण कुमार व अमोद श्रीवास्तव ने मो रफी के गाए कुछ यादगार नग्मों की प्रस्तुति से उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सुप्रसिद्ध गायक अरुण पाठक ने कहा कि मो रफी की गायकी बेजोड़ थी। उनके गाए हजारों नग्में संगीत प्रेमियों को सदैव आनंदित करते रहेंगे। आज रफी साहब को इस दुनिया से गये हुए 41 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन उनकी लोकप्रियता बरकरार है। रमण कुमार ने कहा कि मो रफी के गाए हर तरह के गीत लोकप्रिय हुए। अमोद श्रीवास्तव ने कहा कि मो रफी संगीत प्रेमियों के दिलों में सदैव जीवित रहेंगे।
गायक अरुण पाठक ने ‘मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा..’, ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे..’, ‘अपनी आंखों में बसाकर कोई इकरार करूं..’, ‘रहा गर्दिशो में हरदम मेरे इश्क का सितारा..’, ‘भरी दुनिया में आखिर दिल को समझाने कहां जाएं..’, ‘तेरे बिन सूने नयन हमारे..’ सुनाकर समां बांध दिया। रमण कुमार ने ‘कैसे कटेगी जिंदगी..’, ‘टूटे हुए ख्वाबों ने..’, ‘फिर मिलोगे कभी..’, ‘जिंदगी तो बेबफा है..’, अमोद श्रीवास्तव ने ‘ये रेशमी जुल्फें…’, ‘तेरी आंखों के सिवा..’ व ‘आज मौसम बड़ा बेईमान है..’ प्रस्तुत कर रफी साहब को श्रद्धांजलि दी।