*बोकारो में अभिनेता व फिल्मकार मनोज कुमार को दी गयी सुरमयी श्रद्धांजलि*
बोकारो: हाल ही में दिवंगत हुए फिल्मजगत के सुप्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता-निर्देशक व लेखक मनोज कुमार को बोकारो के कलाकारों ने संगीत संध्या के माध्यम से सुरमयी श्रद्धांजलि दी। मंगलवार की शाम सेक्टर 12 में स्वरागिनी म्यूजिकल ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित इस संगीत संध्या में वरिष्ठ तबलावादक व भारतीय संगीत कला अकादमी के सचिव डॉ राकेश रंजन, शिक्षाविद् व गायक आर ई सिंह, सुप्रसिद्ध गायक व मिथिला सांस्कृतिक परिषद्, बोकारो के सांस्कृतिक सचिव अरुण पाठक, वरिष्ठ रंगकर्मी शंभु झा, शिक्षक व संगीतप्रेमी नीरज सिंह, कार्यक्रम संयोजक रमण चौधरी व रागिनी सिन्हा अंबष्ठ द्वारा मनोज कुमार जी की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्पार्चन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
कलाकारों ने मनोज कुमार जी के जीवन व उनकी फिल्मों की खासियत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी फिल्में देशभक्ति व सामाजिक सरोकार की भावना से प्रोत-प्रोत होती थीं। उनकी फिल्मों के संगीत भी काफी लोकप्रिय हुए। वह एक महान कलाकार होने के साथ ही बहुत ही नेकदिल इंसान भी थे। फिल्म जगत में उनका योगदान स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा।

संगीत संध्या में कलाकारों ने मनोज कुमार जी की फिल्मों के चर्चित गीतों की सुमधुर प्रस्तुति से उन्हें सुरमयी श्रद्धांजलि दी। अरुण पाठक ने ‘कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे…’, ‘मैं तो एक ख्वाब हूं इस ख्वाब से तू प्यार न कर…’, ‘बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं, आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं….’, ‘कस्में वादे प्यार वफा सब बातें हैं बातों का क्या…’, ‘रहा गर्दिशों में हरदम मेरे इश्क का सितारा…’, ‘है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं….’, ‘चांद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था…’, की सुमधुर प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रमण चौधरी ने ‘दूर रहकर न करो बात…’, ‘तेरी याद दिल से भुलाने चला हूं…’, ‘तेरी जवानी तपता महीना…’, राम इकबाल सिंह ने ‘गोरे गोरे चांद से मुख पर…’, ‘दिवानों से ये मत पूछो….’ व ‘तुम बिन जीवन कैसे बीता…’ की सुंदर प्रस्तुति से उन्हें श्रद्धांजलि दी।