झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती को चारा घोटाले के एक मामले में सीबीअाई कोर्ट ने पांच साल की सजा अौर चार लाख का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी। चारा घोटाला का यह मामला चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी का है। करीब 37 करोड़ का अवैध निकासी करने का मामला है। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद अौर जगन्नाथ मिश्र को पहले ही सजा सुनाई गई थी।
इस मामले में सजल चक्रवर्ती पहले बरी कर दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले की दोबारा सुनवाई की गई । इसमें सजल चक्रवर्ती को दोषी पाते हुए कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है।
चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शंभू लाल साहू की अदालत में 14 नवंबर को सजल को दोषी ठहराया था। इस मामले में पूरक अभिलेख की सुनवाई चल रही थी। इसमें सजल अकेले आरोपी हैं। आरोपी लालू प्रसाद डॉ जगन्नाथ मिश्र सहित अन्य आरोपियों को वर्ष 2013 में ही सजा सुनाई जा चुकी है।
सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान बचाव के अधिवक्ता सजल के खिलाफ कम से कम सजा दिलाने की मांग न्यायालय से करनी थी। बचाव पक्ष सजल के स्वास्थ्य खराब का हवाला न्यायालय में देने की तैयारी में था, ताकि उन्हें कम सजा दी जाए। वहीं, सीबीआइ की ओर से विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह सजल चक्रवर्ती को अधिक से अधिक सजा दिलाने की मांग न्यायालय से करते। इनका मामना है कि एक लोक सेवक होते हुए सजल चक्रवर्ती ने बड़े मामले में संलिप्त रहे हैं।
सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि सजल के खिलाफ कोषागार से अवैध निकासी का नजरअंदाज करने आपूर्तिकर्ता से लैपटॉप लेने का आरोप था। धोखाधड़ी करने, सरकारी राशि गबन करने, जाली कागजात का इस्तेमाल करने व उसे व्यवहार में लाने, आपराधिक षड्यंत्र करने के मामले में सजल चक्रवर्ती को अदालत ने दोषी ठहराया है। सरकारी पद का दुरुपयोग करने व दूसरे से लाभ लेने के आरोप को भी न्यायालय ने सही पाया है।
सजल चक्रवर्ती वर्ष 1992 से 1995 के बीच चाईबासा के उपायुक्त थे। इस दौरान उनकी जानकारी में पशुपालन विभाग से अत्यधिक निकासी हुई। उन्होंने तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी बृज नंदन शर्मा एवं आपूर्तिकर्ताओं से मेलजोल कर इसे नजरअंदाज किया। इससे कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख 39 हजार 743 रुपए की निकासी कर ली गई। सजल चक्रवर्ती उपायुक्त होते हुए कोषागार से निकासी होने दी।